आज के युग में प्यार और वचनबद्धता दुर्लभ होते जा रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि सच्चा प्यार अब नहीं होता। आशा और आदर्श एक-दूसरे से बचपन से ही प्यार करते थे। दोनों ने हमेशा एक-दूसरे का साथ दिया।- Hindi Lovely Love Story
जब आदर्श ने आशा से शादी की बात की तो आशा ने तुरंत हां कर दिया क्योंकि वह आदर्श से बेहद प्यार करती थी। लेकिन आशा के पिता इस रिश्ते से सहमत नहीं थे क्योंकि आदर्श एक गरीब परिवार से था। उन्होंने आशा की शादी धनी परिवार के युवक राज से तय कर दी। आशा ने अपने पिता की बात मानने से इनकार कर दिया और आदर्श से शादी करने का फैसला किया। Hindi Lovely Love Story
आख़िरकार, प्यार हार गया और दोनों ने सगाई कर ली। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि सच्चा प्यार हर बाधा को पार करके अपना रास्ता बना ही लेता है। आशा और आदर्श के प्यार ने उन्हें एक वचन देने के लिए प्रेरित किया जिसने उनकी ज़िंदगी बदल दी।
आशा और आदर्श की सगाई
आशा और आदर्श की सगाई हो गई थी लेकिन शादी में अभी वक्त था। आशा के पिता अभी भी इस रिश्ते से सहमत नहीं थे। वो चाहते थे कि आशा राज से शादी करे।
एक दिन आदर्श को अचानक पता चला कि उसका परिवार दूसरे शहर में शिफ्ट हो रहा है। उसे भी अपने परिवार के साथ जाना पड़ेगा। आशा टूट गई। उसने आदर्श से कहा, “तुम चिंता मत करो, हमारा प्यार दूरियों को पार करके फिर मिलेगा।” दोनों ने एक-दूसरे को वचन दिया कि वे हमेशा एक-दूसरे का इंतज़ार करेंगे।
कई साल बीत गए। आशा के पिता ने उसकी राज से शादी करा दी। पर आशा के दिल में आदर्श का प्यार था। वो आदर्श की यादों में जीती रही। फिर क्या था, एक दिन अचानक आदर्श लौट कर आया। उसने आशा से कहा कि वो उसे पाने के लिए कुछ भी कर सकता है।और आशा ने राज को छोड़कर आदर्श को चुना। उन्होंने अपने प्यार को एक नया मोड़ दिया।Hindi love Story
रिश्ते के ख़िलाफ
आशा ने राज को छोड़कर आदर्श का हाथ थाम लिया। दोनों ने शादी करने का फैसला किया। लेकिन इस बार भी आशा के पिता इस रिश्ते के ख़िलाफ थे। आशा ने स्पष्ट कर दिया कि वह सिर्फ आदर्श से ही शादी करेगी। आख़िरकार उसके पिता ने उसकी ख़ुशी के लिए हामी भर दी।
आदर्श और आशा की शादी धूमधाम से हुई। दोनों ने मिलकर एक ख़ूबसूरत घर बसाया और अपने सपनों की ज़िंदगी जीना शुरू किया। कुछ साल बाद उनके दो बच्चे भी हुए। वे अपने बच्चों को ख़ुशहाल बड़ा करने में लग गए। आज भी वे एक-दूसरे का प्यार करते हैं और अपने वचनों पर अटूट विश्वास रखते हैं।
आखिर इस कहानी का अंत हुआ और ये कहानी हमें सिखाती है कि अगर प्यार सच्चा हो तो कोई भी बाधा उसे रोक नहीं सकती। आशा और आदर्श का प्यार ऐसा ही प्यार था।
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Hello Dosto Mera Naam Shubham Hai, Main Kahani Likhata Hu Main Hindi Maine Kakhani Ke Maadiyam Se Prem or Bhavanao Ko Milata Hu, Maine Apne Career Main Bhuut Se Lekhako Se mila or maine unko jaana ki vo kaise kahaniyo main apne aap ko dhaal lete hai tab kahaniyaa likhte hai aise hi kuch main bhi karta hu or main kuch kahani apni biti per bhi likhta hu or jo main dekhta hu vo bhi main sochta hu ki aapke paass kahani Ke maadiyam se pahucha saku.