Raksha bandhan kyu mnaya jata hai or Sabse pehele kisne rakhi baandhi?

Raksha bandhan kyu mnaya jata hai or Sabse pehele kisne rakhi baandhi?.]रक्षाबंधन, भारतीय उपमहाद्वीप में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार भाई-बहन के प्यार और बंधन को साझा करने का एक खास मौका प्रदान करता है। इस लेख में हम देखेंगे कि रक्षाबंधन को क्यों मनाया जाता है और इसका इतिहास क्या है।

रक्षाबंधन का मतलब

रक्षाबंधन का शब्दिक अर्थ होता है “रक्षा” और “बंधन”। यह त्योहार भाई-बहन के प्यार और संबंध को और मजबूती से बांधता है।

पुराने रिश्तों की यादें: राखी का इतिहास

इस त्योहार का इतिहास वेदिक काल में जाता है। रक्षाबंधन को लेकर कई मान्यताये प्रचलित है, कुछ मान्यताओं के अनुसार सबसे पहले द्रौपदी ने कृष्ण को राखी बाँधी थी, चलिए जानते है इसके बारे में,

मान्यता के अनुसार जब युधिस्तर इंद्रप्रस्थ में राजसूय यज्ञ कर रहे थे उस समय सभा में शिशुपाल भी मौजूद था 

शिशुपाल ने भगवान् श्री कृष्ण का अपमान किया तो श्री कृष्णा ने सुदर्शन चक्र से  उसका वध कर दिया, लेकिन सुदर्शन चक्र से भगवान् की छोटी ऊँगली थोड़ी कट गयी और रक्त बहने लगा। 

यह देख द्रौपदी आगे आयी और उन्होंने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर कृष्ण की ऊँगली पर लपेट दिया, तब श्री कृष्णा ने द्रौपदी को वचन दिया की वह एक-एक धागे का ऋण चुकाएंगे। 

Raksha bandhan kyu mnaya jata hai or Sabse pehele kisne rakhi baadhi?
Raksha bandhan kyu mnaya jata hai or Sabse pehele kisne rakhi baadhi?

इसके बाद जब कौरवो ने द्रौपदी का चीरहरण करने का प्रयास किया तो श्री कृष्ण ने चीर बढाकर द्रौपदी के चीर की लाज रखी, कहते है जिस दिन द्रौपदी ने श्री कृष्ण की कलाई में साड़ी का पल्लू बांधा था वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था इससे प्रेरित होकर राखी का पर्व मनाने का परंपरागत प्रथम उल्लेख मिलता है। और यही से बहन द्वारा भाई को रक्षासूत्र बाँधने की परंपरा शुरू हुई। 

विभिन्न प्रांतों में रक्षाबंधन

रक्षाबंधन के त्योहार को भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न नामों और रूपों में मनाया जाता है। इसके पीछे भौगोलिक, सांस्कृतिक और स्थानीय कारण होते हैं।

रक्षाबंधन के खास मोमेंट्स

रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन के बीच यहाँ तक की दूर रहने वाले भाई-बहनों का एक साथ आना और प्यार बढ़ाता है। राखी बांधने के बाद भाई बहन के बीच विशेष संबंध को दर्शाता है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

रक्षाबंधन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह दिखाता है कि परिवार के सदस्य कितने प्रेम से और सहायता करते हैं।

समृद्धि और समरसता का प्रतीक

रक्षाबंधन के इस पर्व में भाई-बहन के प्रेम और सहायता का प्रतीक होता है। यह एक बंधन का त्योहार होता है जो परिवार के सदस्यों के बीच समरसता और प्यार की भावना को मजबूती से जोड़ता है।

आधुनिकता में रक्षाबंधन

समय के साथ, रक्षाबंधन का त्योहार भी आधुनिकीकरण में अपनाए गए हैं। आजकल के दौर में भी लोग भाई-बहन के बंधन को मनाते हैं और एक दूसरे को उपहार देते हैं।

रक्षाबंधन का विशेष महत्व

रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के बंधन को मजबूती से प्रकट करता है और इसका आदर करता है। यह एक मानवीय अनुबंध है जो परिवार के महत्वपूर्ण सदस्यों के बीच नजरिया और सहायता को मजबूत करता है।

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