shiv vish story in hindi – शिवजी ने विष का प्याला क्यों पिया?

shiv vish story in hindi, शिवजी की कथा में, एक बार देवताओं की सभा में एक महत्वपूर्ण विषय उठा। उस समय, विष को लेकर एक महायुद्ध हो रहा था और हलाहल विष उत्पन्न हो गया था। हलाहल विष इतना विषैला था कि इसे समुद्र में छिड़कने पर भी देवताएं और देवराज इंद्र भी पीठ नहीं पा रहे थे। यह विष पूरी पृथ्वी को बर्बाद कर सकता था। इस परिस्थिति में देवताओं को सहायता की आवश्यकता थी।

देवताओं की चिंता, shiv chalisa lyrics in hindi


देवताओं ने सभा में विचार किया और उन्होंने समझा कि केवल महादेव शिव ही इस हलाहल विष को पी सकते हैं। इसलिए उन्होंने महादेव शिव के पास जाकर अपनी समस्या को रखा।


शिवजी ने देवताओं की चिंता देखी और उनकी समस्या को समझा। वह जानते थे कि हलाहल विष को पीने से उन्हें बहुत आघात पहुंचेगा, लेकिन उनके मन में देवताओं की सहायता करने की भावना थी। इसलिए, शिवजी ने एक दृष्टि में देखा कि देवताएं उनसे उम्मीद कर रही हैं और उनके आशीर्वाद की प्रतीक्षा कर रही हैं।

शिवजी की प्रशंसा, shiv chalisa shiv chalisa


शिवजी ने अपने भक्तों की प्रशंसा की और देवताओं को आश्वासन दिया कि वह अपनी शक्ति का उपयोग करके हलाहल विष को पीने के बाद उन्हें सुरक्षित रखेंगे। वह देवताओं की सहायता करने के लिए तैयार थे, भले ही यह उनकी अपनी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो।

विष से मोहित भगवान ब्रह्मा, shiv ki aarti


इसके बाद, शिवजी ने अपनी दिव्य शक्ति का उपयोग करके एक प्याला लिया और उसमें हलाहल विष रखा। जैसे ही उन्होंने प्याला पीना शुरू किया, विष उनके सामर्थ्य को छूने का प्रयास करने लगा। विष का प्रभाव शिवजी के शरीर में घुसा, लेकिन उन्होंने उसे अपनी अद्भुत शक्ति से नष्ट कर दिया।

देवी शक्ति का स्वरूप उर्वशी, shiv ne piya vish


यह दृश्य देखकर सभी देवताएं चकित रह गईं। इसी बीच, एक उच्च स्वर में आवाज आई और उर्वशी देवी दिखाई दीं। उन्होंने शिवजी की शक्ति और प्रतिष्ठा की प्रशंसा की और उनके सामर्थ

से प्रभावित होकर कहा, “हे महादेव, तुमने विष का प्याला पिया है और उसे नष्ट कर दिया है। तुम्हारी महाशक्ति और त्याग के लिए मैं आपको धन्यवाद देती हूँ। तुम्हारे इस कार्य से देवताओं की सुरक्षा हुई है और पृथ्वी पर शांति बनी रहेगी।”

शिवजी की मदद से देवताओं की शक्ति, shiv ne kiyu piya vish


यह देवी उर्वशी के बाद, अन्य देवताएं भी शिवजी की प्रशंसा करने लगीं। उन्होंने अपनी शक्ति को पुनः प्राप्त की और नई ऊर्जा के साथ देवताओं ने विष को नष्ट कर दिया। इससे देवताएं और पृथ्वी पर बरकरार रहीं और उनकी शक्ति का संचार बहुतायत से हो सका।

समुद्र मंथन के बाद की घटनाएं, shiv chalisa lyrics in hindi


इस घटना के बाद, समुद्र मंथन की प्रक्रिया शुरू हुई और देवताओं और असुरों के बीच महायुद्ध हुआ। इस मंथन के दौरान, हजारों अमृत की घटनाएं हुईं और देवताएं और असुरों ने अपनी शक्ति को प्राप्त की।

देवताओं की अपाराधिकता, shiv aarti lyrics in hindi


हालांकि, इस महायुद्ध के बाद देवताएं गर्व में डूब गईं और अपनी शक्ति को दिखाने के चक्कर में अपाराधिकता करने लगीं। यह अपाराधिकता देवताओं को प्रभावित करने लगी और इसका परिणामस्वरूप वे अपनी शक्ति की गवाही नहीं दे पाए।


इसके बाद, देवताएं दुखी हो गईं और शिवजी की प्रशंसा करने लगीं। वे उनकी प्रतिष्ठा, शक्ति और त्याग की प्रशंसा करते रहे। इससे देवताएं अपनी अहमियत और सहायता की आवश्यकता को समझने लगीं और शिवजी की महिमा को मान्यता देने लगीं।

शिवजी की प्रशंसा, shiv ki aarti lyrics

शिवजी ने विष का प्याला पिने के कारण विषाद किया था। उन्होंने अपनी दिव्य शक्ति का उपयोग करके विष को नष्ट कर दिया और देवताओं की सहायता की। इससे देवताएं अपनी शक्ति को पुनः प्राप्त कर समुद्र मंथन में अमृत की प्राप्ति हुई। शिवजी की महिमा और उनकी प्रतिष्ठा बढ़ी और देवताएं उनकी सेवा करने के लिए सदैव तत्पर रहीं।


यह कथा दिखाती है कि शिवजी की विशेषता त्याग, प्रेम और निष्ठा में होती है। उन्हों

द्वारा विष का प्याला पिना इस कथा में नहीं दिखाया गया है। कृपया इस बात को ध्यान में रखें कि विष का सेवन करना हिंदू धर्म में अनुचित माना जाता है और यह नकारात्मक परिणामों का कारण हो सकता है। शिवजी की प्रशंसा और शक्ति का वर्णन करने वाली कथाएं हमेशा सकारात्मक संदेश देती हैं। इसलिए, कृपया ऐसी कथाएं पढ़ें और सुनें जो शिवजी की प्रशंसा, प्रेम, और दिव्यता को दर्शाती हैं।

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