एक भूत की कहानी, प्रत्येक गांव की दास्तान में कुछ अजीब रहस्यमय घटनाएं होती हैं। उन्हीं रहस्यों में से एक घटना उस गांव के बंगले के आसपास घूमती थी, जिसे सभी लोग डरावनी कहानियों का केंद्र मानते थे। बंगला जंगल की घनी चादर से ढकी हुई थी, जिसमें भटकती हुई आत्माएं अपनी असलियत छुपाती थीं। इस भूतिया बंगले की एक और खूबसूरती उसके पास के जलधार से बनी झील थी, जो आत्माओं के नज़रिए से भी बेहद रहस्यमय दिखती थी। इस बंगले के साथ जुड़े कुछ खूबसूरत पेड़-पौधे इसे और भी आकर्षक बना देते थे। लेकिन इस सुंदरता के पीछे छिपी एक भयानक सच्चाई थी, जिसके बारे में किसी को भी पता नहीं था।
सच्चाई का पर्दाफाश – bhoot real story
अभिनव और अर्चना एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे। उनके प्रेम का रंग गांव के सभी लोगों ने देखा था और वे सभी ज़िन्दगी भर के लिए एक-दूसरे का साथ निभाने का वादा कर चुके थे। एक दिन, गांव के अनुशासनवादी और अंधविश्वासपूर्ण वृत्ति वाले पंडित ने बताया कि उनके प्रेम संबंधों में कुंव दोष है। उसके मुताबिक, अर्चना को किसी और से शादी करने से पहले उसे कूँव का प्रायश्चित करना होगा। अभिनव और अर्चना को इस बात का विश्वास नहीं था, लेकिन उनके प्रेम और आत्मविश्वास को देखते हुए उन्होंने इसे नज़रअंदाज़ किया।
अनजाने में आत्मा से मिलन – bhutiya story in hindi
गांव के आत्मसंरक्षा के बगीचे में सबेरा होते ही अभिनव और अर्चना वहां घुस गए। बगीचे के काले पेड़-पौधों और उजागर चांदनी में उनका मिलन हो गया। दिनभर के काम के बाद, वे अपने प्रेम को साझा करने के लिए उस खास जगह की तलाश कर रहे थे, जहां उन्हें किसी से कोई परेशानी न हो। वे आपसी मुलाकात के लिए इंतज़ार कर रहे थे, जब एक रहस्यमय भूतिया उनके आसपास आया। और अभिनव और अर्चना एक-दूसरे के सामने खड़े हो गए। वे दोनों घबराए हुए थे, क्योंकि उन्होंने कभी भी ऐसी पराकाष्ठा नहीं देखी थी। भूतिया आत्मा धीरे-धीरे नज़दीक आती जा रही थी, उसकी ख़ूबसूरती के बावजूद उसमें कुछ ख़तरनाक था। अभिनव और अर्चना भयभीत होकर एक-दूसरे के हाथ थामे खड़े रह गए।
भूतिया कहानी का राज – bhoot horror story
भूतिया आत्मा आते-आते रुक गई और उसके सामने खड़ी हो गई। उसकी आंखों में अनगिनत आक्रोश और अधूरी कहानियाँ थीं, जिससे अभिनव और अर्चना का दिल कांप गया। भूतिया आत्मा ने मुग्ध अभिनव को बुलाया और उसे अपनी भूतिया दुनिया का एक ख़ूबसूरत सच बताया।
भूतिया आत्मा: “अभिनव, मैं एक समय की बेहद सुंदर राजकुमारी थी। मेरे पिता ने मुझे बड़े प्यार से पाला और मुझे हमेशा सम्मान दिया। एक दिन, हमारे राजमहल पर एक भयानक श्राप आया, जिससे मैं अकेले रह गई और मेरे वधू रूप में जीवित रहने का क़रार किया गया।”अर्चना ने आत्मा से पूछा, “लेकिन यह कूँव का प्रायश्चित कैसे जुड़ता है?
भूतिया आत्मा: “यहां तक कि मेरे प्रेमी भी इसे नहीं जानते, लेकिन यहां बारिश के समय रहस्यमय झील के किनारे पर आपको एक ख़ास पूजा अर्चना और अभिनव को करनी होगी। वहां पर पुरानी पुस्तकें हैं, जिनमें उस श्राप के बारे में लिखा है और उसे तोड़ने के लिए कूँव का प्रायश्चित दिया गया है। वहां आकर आपको उसे नहीं बस सिर्फ पढ़ने के लिए लेना होगा। और ध्यान देना, रात को वहां एकल होना नहीं है, क्योंकि वह भूतिया है और वह आपको वहां रात को प्रताड़ित कर सकती है।”
भूतिया जगह का खोज – real bhoot ki kahani
अभिनव और अर्चना ने भूतिया आत्मा के वचनों का पालन करते हुए झील के किनारे जाना शुरू किया। वे झील के उद्दीपन के पास पहुंच
कूँव की प्रायश्चित का रहस्य वे झील के पास रखी पुरानी पुस्तकों में ढूंढने लगे। रात के आंधेरे में उन्होंने वहां रहस्यमय दुनिया के अनसुलझे पन्नों को खोजते हुए घूमते रहे। धीरे-धीरे, एक पुरानी पुस्तक मिली जिसमें उन्हें उन दिनों की घटना का सच्चाई पता चला।
पुस्तक के पन्नों में लिखा था:
भूतिया बंगले की रहस्यमय कहानी – horror short story in hindi
बंगले की राजकुमारी को श्राप लगा था जिससे वह भूतिया रूप धारण कर गई। उसे कहा गया था कि वह अपने प्रेमी के साथ कूँव का प्रायश्चित भरने के लिए उस झील के पास जाएँगी और वहां से एक पुरानी पुस्तक को ले आएँगी। उसे वह पुस्तक तोड़कर भूतिया रूप से मुक्त होने का वचन दिया गया था।
परंतु, उसके द्वारा किए गए एक गलत फैसले ने उसे उस रूप में कैद कर दिया जिसकी वजह से वह रहस्यमय बंगले में एकाएक दिन को अपनी यादों के साथ बिताने लगी। उसे अपने प्रेमी की यादों का साथ बहुत पसंद आया और उसके लिए वह बंदी बंगले के रूप में जीने लगी।
आज तक, उसके प्रेमी का प्रतीक्षा करते हुए वह भूतिया रूप में अपनी प्रेम की प्यास बुझा नहीं पाई। अब वह राजकुमारी अभिनव और अर्चना से वही प्रायश्चित भरने आई है, जो उसके प्रेमी को उस दुर्जन की मौत के लिए बदलने के लिए दिया गया था।
उस झील के पास उस पुरानी पुस्तक को तोड़ने से वह भूतिया रूप से मुक्त होगी और आत्मा का वचन पूरा होगा।”
भविष्य की भयंकर चुनौती – ghost in real life in hindi
अभिनव और अर्चना के दिलों में साहस और नई उम्मीदें जगी। वे रात को उस झील के पास पहुंचे और उस पुरानी पुस्तक को तोड़कर उसे वापस लाने की कोशिश की। रात बितते-बितते उन्हें आत्मा के साथ अजीब घटनाएं भी झेलनी पड़ी। धार्मिक और भयानक संगठन्या दृश्यों के बीच, वे अपने लक्ष्य की तरफ अग्रसर होते गए।
खून का प्रायश्चित – bhoot story in hindi
आत्मा ने देखा कि अभिनव और अर्चना ने उस पुरानी पुस्तक को सफलतापूर्वक तोड़ लिया है। उस भयानक समय में, उसके चेहरे पर खुशी का चमक दिखाई दी। एक रौशनी की किरण ने उसके आंखों को चमकाया और उसका रूप धीरे-धीरे वापस राजकुमारी में बदल गया।
राजकुमारी: “धन्यवाद, अभिनव और अर्चना! आप ने मुझे मुक्ति दिला दी। मैं आपके उद्दीपक भविष्य का आभारी हूँ।”
भूतिया आत्मा ने अभिनव और अर्चना को आशीर्वाद दिया और विश्राम करके वहां से चली गई। अभिनव और अर्चना के दिल में ख़ुशी के संग विजय के समय का एहसास हो रहा था।
प्रीति की विजय – story in hindi ghost
अभिनव और अर्चना ने झील के किनारे पर एक-दूसरे के हाथ थामे खड़े होकर एक दूसरे के आँचल में खो जाने का वादा किया। उनके बीच एक सुनहरे भविष्य की चमक थी, जो उन्हें सबके सामने साबित करने के लिए तैयार थी। उनके प्रेम ने उन्हें हर कठिनाई से लड़ने की शक्ति दी थी।
अब भूतिया बंगले का राज खुल चुका था, और लोगों के दिलों में उस जगह की भूतिया दास्तानें ख़त्म हो गई थीं। अभिनव और अर्चना की कहानी गांव के हर व्यक्ति के हृदय में एक नया उत्साह और संबल भर गई।
जीवन में कभी-कभी हमें अज्ञात दुनियाओं का सामना करना पड़ता है। परंतु प्रेम, विश्वास और साहस के साथ हम हर कठिनाई को पार कर सकते हैं। अभिनव और अर्चना की कहानी हमें यह सिखाती है कि प्रेम की शक्ति से हम सभी दुर्भावनाओं और भूतिया राहों को पार कर सकते हैं और सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।
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Hello Dosto Mera Naam Shubham Hai, Main Kahani Likhata Hu Main Hindi Maine Kakhani Ke Maadiyam Se Prem or Bhavanao Ko Milata Hu, Maine Apne Career Main Bhuut Se Lekhako Se mila or maine unko jaana ki vo kaise kahaniyo main apne aap ko dhaal lete hai tab kahaniyaa likhte hai aise hi kuch main bhi karta hu or main kuch kahani apni biti per bhi likhta hu or jo main dekhta hu vo bhi main sochta hu ki aapke paass kahani Ke maadiyam se pahucha saku.