Hindi kahaniyan for kids – सांप और सपेरे की कहानी

Hindi kahaniyan for kids, एक जंगल में एक सुंदर और अद्भुत सांप रहता था। उसके सुंदर रंग और मंदहास वाले आंखों से वह अपनी खूबसूरती में सभी को मोहित कर देता था। इस सांप का नाम था “विषाल”। यह सांप सभी जानवरों के बीच मशहूर था। लेकिन विषाल के अलावा एक और सांप भी उस जंगल में रहता था जिसका नाम था “सपेरा”। सपेरा साधारण दिखने वाला सांप था। उसका रंग नीला-हरा था और उसकी आँखें धीमी और निचली थीं।

पूरे जंगल में सपेरा ज्यादा प्रसिद्ध नहीं था, लेकिन वह बहुत ही समझदार और विचारशील सांप था। वह ज्ञान और अनुभव से भरपूर था और दूसरों की मदद करने में खुद को समर्पित कर देता था। एक दिन, विषाल और सपेरा की पथों ने एक-दूसरे का सामना किया। विषाल ने सपेरा को देखकर अचंभित हो गया क्योंकि उसने अपने जीवन में कभी ऐसा सांप नहीं देखा था।

मित्रता की महत्वपूर्णता, stories for kids

विषाल सांप ने सपेरा को आमंत्रित किया और दोनों ने एक बिल के पास बैठकर बातचीत शुरू की। धीरे-धीरे, विषाल ने देखा कि सपेरा बहुत बुद्धिमान और समझदार है। वह इंसानों की सोचने की क्षमता और ज्ञान के लिए समर्पित था। विषाल ने सोचा, “इस सपेरा के साथ मेरी मित्रता होनी चाहिए। उसकी विद्वत्ता से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है।”

उनकी बातचीत के दौरान, विषाल ने सपेरा को अपनी विशेषताओं के बारे में बताया। उसने कहा, “देखो, मैं बहुत तेज हूँ और जानवरों को आकर्षित करने के लिए अपनी खूबसूरती का इस्तेमाल करता हूँ। मुझे सभी जानवर मेरी उच्चता के कारण प्रसन्न होते हैं। लेकिन मैं कुछ और ज्ञान और समझ चाहता हूँ। क्या तुम मेरे मित्र बनना चाहोगे?”

ज्ञान और करुणा की प्रेरणा: भालू की मदद, story in hindi kids

सपेरा ध्यानपूर्वक सुन रहा था और विषाल की बातों में रुचि ले रहा था। उसने कहा, “विषाल, तुम मेरे दिल को छू गए हो। मैं तुम्हारी मित्रता को स्वीकार करता हूँ। हम साथ मिलकर बहुत कुछ सीख सकते हैं और एक-दूसरे को सहायतता कर सकते हैं।”

विषाल और सपेरा की मित्रता जल्दी बढ़ती गई। वे दिनभर एक-दूसरे के साथ बिताते और अपने अनुभवों, ज्ञान और कहानियों का आनंद लेते। सपेरा विषाल को ज्ञान का भंडार था, और विषाल ने सपेरा को शारीरिक क्षमता और गतिविधियों का अद्भुत अनुभव दिया।

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एक दिन, जब वे दोनों जंगल में घूम रहे थे, एक भालू उनके पास आया। भालू अपनी भूख से पीड़ित था और वह दौड़ते-दौड़ते विषाल और सपेरा के पास पहुंचा। वह रोते हुए कहा, “कृपया मेरी मदद करो! मैं भूखा हूँ और कुछ खाने को नहीं है।”0

विषाल और सपेरा दुखी भालू की मदद करने के लिए तत्पर हो गए। विषाल ने एक पेड़ से नीचे अवश्यकतानुसार गिरवी ली और सपेरा ने अपनी लम्बी और गतिशील गरदन का इस्तेमाल करके भालू को उठाने में मदद की। दोनों ने मिलकर भालू को एक सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया और उसे खाना खिलाया।

विषाल और सपेरा की मदद और साथीपन ने उनकी मित्रता को और भी मजबूती दी। जंगल में लोग उन्हें मित्रता का उदाहरण मानने लगे और वे जानवरों के बीच एक बड़ी प्रसिद्धि प्राप्त कर गए।

संगठित सहयोग : साथ मिलकर समस्याओं का समाधान, hindi khani child

यह कहानी हमें सिखाती है कि मित्रता में किसी का रंग, स्थान या स्थिति का कोई महत्व नहीं होता है। एक सच्चा मित्र आ

पसंद, समर्पण और सहायता के आधार पर बनता है। हमें दूसरों की मदद करने और सहायता करने की क्षमता रखनी चाहिए, चाहे वह कोई भी हो। इससे हम न केवल अपने आप को मजबूत बनाते हैं, बल्कि जंगल के सभी जीवों के बीच एक सौहार्दपूर्ण वातावरण भी बनाते हैं।

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