Nana nani ki kahani – चालाक लोमड़ी और मुर्गा

Nana nani ki kahani, एक समय की बात है, एक घने जंगल में लोमडी नाम की एक चतुर लोमड़ी और मुर्गा नाम का एक अहंकारी मुर्गा रहता था। लोमडी अपने चालाक और धोखेबाज स्वभाव के लिए जानी जाती थी, जबकि मुर्गा अपने अहंकार और घमंडी व्यवहार के लिए जाना जाता था। वे जंगल में पड़ोसी थे लेकिन उनका व्यक्तित्व बिल्कुल अलग था।

चालाक लोमड़ी की योजना, dadi ma ki kahaniya in hindi

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जंगल में जीने वाले सभी जानवर एक संगठित समुदाय में रहते थे। वे एक-दूसरे की मदद करते और आपस में सहयोग करते थे। इससे जंगल में अनुक्रमणिका और तालमेल बनी रहती थी। लेकिन लोमड़ी और मुर्गा ने इस संगठन में हिस्सा नहीं लिया था। वे खुद को अन्य जानवरों से अलग समझते थे और एक-दूसरे की मदद नहीं करते थे।

लोमड़ी चालाक और चतुर थी। उसने देखा कि मुर्गा गर्व में बहुत चिढ़ रहा है और खुद को सबसे बेहतर समझ रहा है। इससे उसके मन में एक योजना उभरी। उसने सोचा कि कैसे वह मुर्गा को उसकी चतुराई का परख दिखा सकती है।

चालाकी का प्रदर्शन, nani wali

लोमड़ी ने एक दिन बहुत सुनहरे अंडे बनाये और उन्हें लुभावने आरोमा के साथ बांट दिया। उसने मुर्गा को बताया कि वे अंडे खा सकते हैं, लेकिन उसे पहले उन्हें उसकी चालाकी का परख देना होगा। मुर्गा ने इस चुनौती को स्वीकार किया और चालाकी के साथ अंडे खाने के लिए तैयार हो गया।

खुदगर्ज मुर्गा की हार, nana ki kahaniya in hindi

लोमड़ी ने योजना बनाई कि वह एक घुटने पर खड़ी होकर मुर्गा को अंडे खाने की अनुमति देगी, लेकिन जब मुर्गा अंडे के पास जाएगा तो वह उसे छुड़ाकर उसे खा जाएगी। मुर्गा ने विश्वास करते हुए खुद को लोमड़ी के आगे झुकाया और उसे अंडे के पास जाने की इजाज़त दी। लेकिन जब वह अंडे के पास गया, तो लोमड़ी ने अंदर घुसकर मुर्गे को पकड़ लिया और उसे खा लिया।

मुर्गे की सीख, nai ki kahani in hindi

मुर्गा ने दिल से अपनी गलती मानी और यह समझा कि अहंकार और अभिमान से दूसरों को नीचा दिखाने का फायदा नहीं होता। उसने गलती से भीड़ जैसे साथियों की समझदारी की कमी को महसूस किया और अब समझा कि संगठन और एकता ही सफलता की कुंजी होती है।

लोमड़ी और मुर्गा ने एक-दूसरे को अब सच्चे मित्र के रूप में स्वीकारा और साथ में काम करने का निर्णय लिया। वे जंगल में समस्याओं का समाधान करने के लिए एकजुट हो गए और अपनी चालाकी और समझदारी का उपयोग करके अन्य जानवरों की मदद करने लगे।

इससे जंगल में सभी की एकता और समरसता की भावना मजबूत हुई और वे सभी खुशहाल और खुशी भरे जीवन जीने लगे।

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नई दोस्ती और सहयोग, nani maa ki kahani

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि दिखावे और घमंड की जगह हमेशा सच्चाई, सहयोग, और एकता होनी चाहिए। हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए और संगठन के महत्व को समझना चाहिए।

जब हम सभी एकजुट होते हैं और अपनी भविष्य की चुनौतियों का सामना करते हैं, तो हम सभी सफलता को हासिल कर सकते हैं। इसलिए, चालाकी के साथ समझदारी और सभी की सहयोग का उपयोग करके हमें आपसी समझ, सद्भाव, और एकता को प्रमुखता देनी चाहिए।

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